कमी और किसी की भी नही है बल्कि हमारी ही है। क्यों की आजादी के 60 साल बाद भी आज तक हम एक नही हुए। और यही कारण है की दुनिया में आज हमारी जाती का कोई वजूद नही है
आज जब दुनिया चाँद पर घर बसाने को जा रही है वहीं हम आज अपना वजूद, अपनी जाती, अपना सम्मान खोज रहे है । में तो आख़िर में यही कहूँगा की हमे किसी जाती या लोगो से दुश्मनी या बैर नही लेना हमे तो सिर्फ़ अपना वजूद पाना है। हमारी शंख्या 40 लाख की है और हम एक हो गए, तो हो सकता है की सरकार बना तो नही सकते लेकिन एक होकर तख्ता तो पलट सकते है। ताकि इन सब की आँखों में रौशनी आ जाए की रावना राजपूत समाज भी कोई समाज है।
जागो रावना राजपूतो, जागो !!!!!! अपना वजूद लो !!!!!
श्री पूरण सिंह बडागांव
9982882517
"जिला अध्यक्ष"
रावना राजपूत समाज
झुंझुनू (राज)